Saturday 3 November 2012

~ जिन्दगी ~

         जिन्दगी
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ओ जिन्दगी तेरे नखरे
सहते-सहते जब थक जायेगें
यूँ कुछ कर गुजर जायेगें
कि तुम अवाक स्तब्ध रह जाएगी
फिर भूले से भी हमें ना रुलायेगी ...सविता मिश्रा




जिंदगी
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दिल जब कभी बहुत
उदास हो जाता है तो
यूँ ही कुछ भी
उटपटांग ही
कह जाता है
पर बर्खास्त जिंदगी को
कर न पाओगें
 कभी भी
जब कभी
करने पर आओगें
मोह माया में
फंस ही जाओगें |सविता मिश्रासविता मिश्रा

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