Tuesday 6 November 2012

### रिश्ता ###

१...आगोश
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मुस्कराहट भी अब दूर हो रही
जैसे चेहरे से हमारे
उदासियां खड़ीं बाहें फैलाये हमें अपने आगोश में लेने के लिए ..सविता


२...प्यार के दो बोल
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प्यार के दो बोल बोलता था कोई जेहन में शहद सा घोलता था कोई
ना जानें क्यों अब क्या हुआ ना वह बोलता ना हम ही बोलतें ...सविता मिश्रा

३..रिश्तों के रंग
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रिश्तों से करते रहे बहुत ही जंग
आज हमारे दिल हो गये जरा तंग|
रिश्तों के रंग आज बदरंग हो गये
चलता नहीं कोई दो कदम भी संग| सविता

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