Tuesday 6 November 2012

@आंसू @

दिखावटी अश्रु
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जो मेरे मरने का
इंतज़ार किये बैठे हैं
देखना
दिल उनका
भले ही खुश हो
आँखों में आंसू ही होंगे,
मेरे मरने का
गम किसे है
ये जालिम जमाना
यह तो महज दिखावटी
अश्रु ही होंगे
बस |
++सविता मिश्रा ++
२..गम के आंसू
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फूल चुन-चुन हमने भी बिछायें थे
गम के आंसुओ को अपने छुपायें थे
दुख ना हो किसी बात से हमारी
 बड़ी मुश्किल से मौन रहना सीख पायें थे|सविता मिश्रा






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