Sunday 4 November 2012

## तकिया ##


तकिया भी बड़ी कमाल की चीज है
ना जाने कितने राज छुपा जाती है
होती तो सर के नीचे लगाने को पर
ना जाने कितने दर्द को भी समेटे रहती है
ना जाने कितने आंसुओ को शोख लेती है
दुखी दिल को छुपाने की ओट होती है
दर्द की भी गवाह होती है यह तकिया
खुशियों की भी गवाह होती है यह तकिया
तकिया की भी अपनी एक अलग कहानी है
कोई छेड़े नहीं नहीं तो राज खोल ही देगी
राज़दार है कितनी ही ग़मगीन रातों की
जो किसी की याद में रो रो कर बीते है |
  
 सविता मिश्रा

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