लकीर हाथों की
मेरे पति देव
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सब हाथ की लकीरों में ढूढ़ते रहे
तुम दिल में हमारे बसे बैठे रहे
इन्तजा है तुमसे हमारी दिल से तुम
हाथों की लकीरों में भी दिखने लगों
जैसे लोग भ्रम में जीना छोड़ दे
औरतुझे लकीरों में देख हाथो की
हमारी किस्मत पर ईष्या करे||.....सविता मिश्रा
2 comments:
हाथों की लकीरों में वो हों जब ... किस्मत भी उन से बंध जाती है ...
किस्मत बंध जाती है ....लकीरों में
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