Sunday 26 January 2014


आप सभी भाई बहनों बुजुर्गो-बच्चो को ...गणतंत्र दिवस 
पर हार्दिक बधाई...जय हिन्द जय भारत ...............

.काश भारत अपनी महानता को बनाये रखता..नारियों की इज्जत करना .....बड़े बुजुर्गों का सम्मान ......अनेकता में भी एकता ....अति
थियों का तहेदिल से स्वागत ...यह सब है अपनी महानता .......पर आजकल खोटी जा रही है कही ....हम भारत वासियों की मांग है .....अत्याचार बंद हो नारियो पर ..भ्रष्टाचार थोड़ा तो कम हो ...खत्म होने की मांग करेगें तो पता नहीं कितने का हाटफेल हो जायेगा ......६२ साल पहले बने कानून में कुछ तो बदलाव करिए ..वैसे कुछ क्या सब कुछ बदलना चाहिए ...समय आगे बढ़ गया है हमारा कानून अब भी जर्जर बना हुआ है ...budha हो गया है बैशाखी पर अब तो ना चलने दीजिये ..वर्ना महानता हमारी कही खो जाएगी .......अपराधी इतने बढ़ जायेगें कि भारत माता घुट घुट अपना दम तोड़ देगीं .......दुःख है अपने देश को आजाद हुए इतने साल हुए पर हम अभी हाथ बांधे खड़े है ....भीख भी मांगने में अग्रसर है ..जबकि हमसे धनिकों की कोई है ही नहीं ...हमारे यहाँ सड़क पर सोने वाला भी कभी कभी २५-३० हजार का मालिक है ..पर हम देने में नहीं गाड़ने में विश्वास रखतें है ..भले ही वह गड़ा-गड़ा जंग खा जाये ...धनिकों की भी कहा कमी है .......दुनिया में करोडपतियो में गिनती है हमारे देशवासियों की ...पता नहीं कब सुधेरेगी अपने देश की हालत ...फिर भी आशा है शायद सुधर ही जाये .....सविता मिश्रा .....
इसी आशा के साथ आप सभी को एक बार फिर से हार्दिक बधाई

Wednesday 22 January 2014

++ एक दिव्यआत्मा++

आज इत्तिफाकन हम
मंदिर जाने को हुए
चन्दन रोली हल्दी
अक्षत दीपक बाती
सिंदूर भी संग रख लिए
घर से नीचे उतरे ही थे कि
संजोग से एक दिव्यआत्मा मिले
मधुर मुस्कान रख अधर
बोले अति प्रिय वाणी
कहा चली तू ओ नास्तिक नारी

हमें लगा कोई मुरख बना रहा
छोडो रास्ता मंदिर हमे है जाना
आज बड़ी विपत्ति
आते आते टली है
प्रभु की मिन्नत की
तब यह आई शुभ घड़ी है
चोट पर चोट लग गयी थी
प्रभु कृपा से हड्डी
टूटने से बच गयी है
उसे शुक्रिया कहते आये
रास्ते में आप मिले ठाड़े
अब देर हुई तो नास्तिक
हमें फिर समझ बैठेगा

वह फिर मुस्काए
संजोग कितना अच्छा है
तुझे मैं यही पर मिला
अब कही जाने की जरुरत क्या
सब अच्छा होगा
तुझसे बड़ा भक्त
कोई कही है भला
दुःख सुख में समभाव
पल पल याद रखती है
इसीलिए देख तुझसे मिलने आया

एकबारगी मन में ले भक्ति भाव
उनके दिव्य आभा में हुए लीन
तभी बच्चे की आवाज सुन पलटें
पलटते ही प्रभु अंतर्धान हुए
हम थाल लिए सुन्न खड़े
सोचते रहे कही प्रभु को
कुछ गलत तो नहीं कहें
उल्टे पाँव भी घर को हो लिए |सविता मिश्रा

Monday 13 January 2014

इंसानियत जगा रहे है

हमें हैरान-परेशान देख
एक व्यक्ति ने हमसे पूछा
क्या खोज रही है आप ?
हमने कहा ही था
कि इंसानियत !!
वह सुन सकपकाया
हमें तरेर कर देखा
शायद पागल समझ बैठा
थोड़ा हैरान हो बोला
बड़ी अजीब हो
यहाँ इंसानों की भीड़ है भरी
और तुम्हे इंसानियत ही नहीं दिखी !
हमने कहा
नहीं ! कहीं नहीं !
हाँ, बिलकुल नहीं दिखी !
वह बड़बड़ाता हुआ
मुड़-मुड़कर बार-बार
अजीब निगाहों से
देखता हुआ चला गया|
क्या आपको भी
हम पागल दिखते हैं !
आप ही बताओ
सड़क पर घिसटते हुए
आदमी को देख
मुहँ फेर चल देना
क्या इंसानियत होती है ?

भीख मागते इंसानों के
मुहँ पर ही
उसे बिना कुछ दिए
अशब्दों की पोटली
थमा चल देना
क्या इंसानियत होती है ?
मदद के लिए पुकार रहे
कातर ध्वनि को
अनसुनी कर देना
क्या इंसानियत होती है ?
आप ही बता दो
इंसान क्या ऐसे होते हैं !!
अब तो हम हतप्रभ है
यह देखकर कि
हम जिसे बाहर
खोजना चाह रहे थे
वह तो अपने ही अंदर
नहीं पा रहे
अतः
दुसरे को कोसना छोड़ कर
अब खुद में ही थोड़ी
इंसानियत जगा रहे हैं |

इंसानियत खोजने में आप सब मदद करेंगे न !!

Monday 6 January 2014

~मिल ही जाता है~

जीना है तो .....
जीने का बहाना
मिल ही जाता है,
डूबते हुए को....
तिनके का सहारा
मिल ही जाता है,
अकेले रहना चाहो तो...
भीड़ में भी अकेले
रहने का ठिकाना
मिल ही जाता है,
ढूढ़ना चाहो तो...
बेगानों में भी
कोई अपना सा
मिल ही जाता है,
दिल में भक्ति हो तो...
पत्थर में भी भगवान
मिल ही जाता है,
पाना चाहो तो ....
माँ-बाप में ही
चारो धाम
मिल ही जाता है,
विद्वता दिखाना चाहो तो...
मूर्खो का कारंवा
अपने ही आस-पास
मिल ही जाता है,
मिलना हो तो...
गुदड़ी में भी “लाल”
मिल ही जाता है,
किस्मत अच्छी हो तो ....
वीरानों में भी
कोई गड़ा खजाना
मिल ही जाता है,
पारखी नजर हो तो....
कंकड़-पत्थर में भी
“कोहिनूर” हीरा
मिल ही जाता है,
ज्ञान पाने की
अभिलाषा हो तो....
ज्ञानी क्या
मूर्खो से भी ज्ञान
मिल ही जाता है,
मौत लिखी है यदि
किस्मत में हमारी तो ....
उसे भी
कोई ना कोई बहाना
मिल ही जाता है||....सविता मिश्रा

Friday 3 January 2014

++ब्लाक करेंगे ++


ऐसे-तैसे जबाब देंगे  आप तो फिर हम ब्लाक करेंगे
हाँ में हाँ नहीं मिलायेगें आप तो फिर हम ब्लाक करेंगे |

कुछ भी लिखें लाइक नहीं कियें आप तो फिर हम ब्लाक करेंगे
वाह-वाह नहीं कि
यें कविता पर हमारी तो फिर हम ब्लाक करेंगे |

शेयर भी करिए फटाफट से नहीं तो फिर हम ब्लाक
करेंगे
मिटाकर नाम कॉपी कियें तो फिर हम पक्का ब्लाक करेंगे


मेसेज में आ बतिया
यें फालतू बात तो फिर हम ब्लाक करेंगे बतियाना हों पोस्ट पर ही बतियायें नही तो फिर हम ब्लाक करेंगे |

हमारी वाहवाही में कसीदें पढ़िए नहीं तो फिर हम ब्लाक करेंगे
ब्लाक-ब्लाक के खेल में जीतने दीजि
यें नहीं तो फिर हम ब्लाक करेंगे |

आत्मसम्मान को ठेस पहुँचा
यें तो पक्का फिर हम ब्लाक करेंगे
रोये गिड़गिड़ायें यदि पोस्ट पर हमारी  फिर
तो हम ब्लाक करेंगे |

जबरजस्ती बहस बढ़ा
यें तो फिर हम ब्लाक करेंगे
नारी बन आ
यें इधर तो फिर हम ब्लाक करेंगे |

घटिया पसंद अपना
यें तो फिर हम ब्लाक करेंगे
दो मुँहे साँप यदि बन ग
यें तब तो फिर हम ब्लाक ही करेंगे |

वैसे तो हमारी ब्लाक लिस्ट में विचारो में मतभेद वाले नहीं थे
पर अब यदि आप मनभेद किये तो पक्का हम ब्लाक करेंगे |

सब घनचक्करों के बीच में आप का भी नाम न  हो
शुमार
इस कारण आप सुधर जा
यें फटाफट नहीं तो फिर ब्लाक करेंगे |

ब्लाक की लिस्ट हम इस साल सौ के पार करेंगे
सभी नियम झट से अपनायें आप नहीं तो फिर ब्लाक करेंगे

डियर-सियर कह हमको गुस्सा दिलायें तो फिर
कफ़न पहनाने की हम संख्या दुगना हार करेंगे ||
सविता मिश्रा