झूठ मनभावन होता है
सच पावन होता है
झूठ पानी का बुल्ला होता है
सच दूध का धुला होता है
थोड़ी ही देर सही झूठ
तन मन पुलकित करता है
सच पहले ही पारी में
जमीं पर पटक देता है
झूठ मुस्कराता हुआ बुलाता है
सच मुहं बिचकाए ही रहता है
मुस्कराहट सदा भाती है
गंभीरता से दुनिया दूर भागती है
इसी लिए झूठ अक्सर लुभाता है
सच बहुत पीछे छूट जाता है|..सविता
सच पावन होता है
झूठ पानी का बुल्ला होता है
सच दूध का धुला होता है
थोड़ी ही देर सही झूठ
तन मन पुलकित करता है
सच पहले ही पारी में
जमीं पर पटक देता है
झूठ मुस्कराता हुआ बुलाता है
सच मुहं बिचकाए ही रहता है
मुस्कराहट सदा भाती है
गंभीरता से दुनिया दूर भागती है
इसी लिए झूठ अक्सर लुभाता है
सच बहुत पीछे छूट जाता है|..सविता
4 comments:
पीछे छूटते हुए भी सच सकून देता है ... शान्ति देता है ... लंबा चलता है ...
digambar bhaiya नमस्ते .....बिलकुल सही कहें आप लिखना चाहिए था यह भी ....देखते है यदि दो लाइन और जोड़ सके तो ..शुक्रिया भैया
बहुत शानदार
dhanyvaad aapka sanjay bhai
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