Monday 16 June 2014

हायकु



१--झींगुर मरा
चीटियाँ खींचती हैँ
भार से भारी।
२--फड़फड़ा के
बल्ब के आसपास
मरे पतंगे।
३--नाला घर में
बरसात का पानी
ज्यों ही भरता।
४--घनेरी वर्षानाला उफन आताज्यों ही भरता
५--आग भड़की
जले दरिंदे
पहचान मुश्किल

6--अनगढ़ पत्थर
घिसता जब पानी
गढ़ ही देता!

७--पानी की बूँद
लगातार पड़ती
भेद ही देती।

८--तुम लिखती
मैं पढता रहता
सौंदर्य तेरा।

९--हुआ ये हुआ
दिमाग में बिठा दी
सत्य ही लगा।



..सविता मिश्रा 'अक्षजा'

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