Sunday 15 February 2015

~~मजबूरन~~


"पोस्टमार्टम होगा , आप हस्ताक्षर कर दे ।"
"कीजिये साहब ! रिश्तों का पोस्टमार्टम तो कर ही चुकी है ।"
"दूसरी लाश का वारिश कौन है?"
"मैं ही हूँ साहब !"
"आप ! इसका पिता कहाँ है ?"
"मैं ही हूँ !"
"ओह ! मतलब ये दोनों प्रेमी भाई.बहन ...!"
"हा साहब ! बेटे को बचपन में ही मैंने अपने साले को गोद दे दिया था ।"
"बहुत समझाया पर...., जवानी के जोश में रिश्तों का होश नहीं रख पाये दोनों | मजबूरन ..." (मजबूरन शब्द) बोल कर भी नहीं बोला पुलिस के डर से

No comments: