हादसों का शहर ....यहाँ हर मोड़ पर होता है हादसा ...इस गाने से चिढ सी हो गयी थी । पर ये गाना था कि पीछा
ही न छोड़ रहा था उसका ।
पढ़ाई-लिखाई में मशगुल वह, हर रोज होते हादसों से अंजान थी | अतः उसे दुनिया बहुत खूबसूरत दिखती थी । दुनिया वाले उससे भी अधिक नेक दिल ।
आज अस्पताल में पड़ी कृषकाय हो गयी थी । लोग उसके लिये भगवान् से प्रार्थना कर रहें थें कि उसे जल्दी ही प्रभु मृत्यु दें । एक हादसे ने सब कुछ बदल के रख दिया था ।
उसको जो गाना कई सालों पहले नहीं पसन्द था वही गाना वह. जब किसी लड़की को देखती बुदबुदा उठती ।
साविता
पढ़ाई-लिखाई में मशगुल वह, हर रोज होते हादसों से अंजान थी | अतः उसे दुनिया बहुत खूबसूरत दिखती थी । दुनिया वाले उससे भी अधिक नेक दिल ।
आज अस्पताल में पड़ी कृषकाय हो गयी थी । लोग उसके लिये भगवान् से प्रार्थना कर रहें थें कि उसे जल्दी ही प्रभु मृत्यु दें । एक हादसे ने सब कुछ बदल के रख दिया था ।
उसको जो गाना कई सालों पहले नहीं पसन्द था वही गाना वह. जब किसी लड़की को देखती बुदबुदा उठती ।
साविता
1 comment:
दिल से आभार आपका
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