Wednesday 15 April 2015

~~न्याय या अन्याय ~~

"ये बहुत अन्याय हो रहा है मेहनत से लिखो , सब वाह वाह कर सरक लेंते हैं |"
"अरे तो इसमें अन्याय कहाँ हैं आपकी रचना के साथ न्याय ही तो हैं | मन ही मन तो खुश होती हैं | फिर ये दिखावटी नाराजगी क्यों ? " सखी विमला चुटकी लेंते हुय बोलीं
" ये नाराजगी  दिखाती ही हूँ न्याय पाने के लिय .." .......सविता मिश्रा

1 comment:

कहकशां खान said...

बहुत ही सुंदर रचना।