Sunday 30 April 2017

प्रैक्टीकल-

प्रैक्टीकल-
"जंगलराज क्या होता है दीदी ?"
" जब कोई किसी की भी बात को नहीं सुने और न ही कानून का पालन करे ! समझ आया?" उसका कान पकड़ते हुए बोली।
"नहीं दीदी, प्रैक्टीकल या फिर उदाहरण देकर समझाओ न !" अपनी किताब बन्द कर दी सोनू ने।

"टीचर कहतीं है कि उदाहरण रूप में समझाने पर ज्यादा अच्छी तरह समझ आता है!" सोनू शरारत करते हुए बोला।"अच्छा !"थोड़ी देर सोचने के बाद उसने मोबाईल निकालकर अपना फ़ेसबुक अकाउंट खोला।एक पेज पर पहुंचकर बोली- "यह स्टेटस पढ़!"
"दीदी, आप यह सब मुझे क्यों पढ़ने को कह रहीं, आप तो पढ़ा रहीं थीं न !"
तुझे उदाहरण देकर समझा रही हूँ। इस समय इससे अच्छा उदाहरण कहाँ मिलेगा!
"दीदी यह तो एक धर्म के विरुद्ध स्टेटस है, और इस पर गाली-गलौज से भरे हजारों कमेन्ट।"
"आगे देख!"
"यहाँ तो धमकी दे रहे एक दूजे को !
आरोप-प्रत्यारोप करते हुए कई राजनेताओं की कितनी भद्दी भद्दी तस्वीरें डाल रहे हैं दीदी !"
"यही तो है जंगलराज का जीता जागता उदाहरण! इन सब को किसी भी कानून का कोई डर नहीं।
बस तू विरोध में बोल तो फिर प्रैक्टीकली भी तुझे यहीं दिख जायेगा जंगराज।" रूखी आवाज में बोलकर अपनी किताब पढ़ने लगी।
पेजों को सर्च करते हुए वह खो गया। रह रह क्रोध में भरकर कमेन्ट करता फिर बड़बड़ाता।
अचानक वह क्रोध से भरकर फेसबुक बन्द करके चीख पड़ा, "मुझे प्रैक्टीकल रूप में नहीं पढ़ना और न ही समझना।" अपनी बन्द की हुई किताब फिर से खोलकर बैठ गया। #सविता

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